Parthiv Patel : आज हम जिस भारतीय विकेटकीपर की बात कर रहे हैं उसने 17 साल 153 दिन की उम्र में टेस्ट डेब्यू किया और रच डाला इतिहास रचा, लेकिन पहली ही पारी में जीरो पर आउट हो गए, फिर दूसरी पारी में नाबाद 19 रन की छोटी लेकिन अहम पारी से भारत को हार से बचाया, छोटा कद होने के बावजूद तूफानी अंदाज में बैटिंग के चलते काफी वाहवाही मिली।
अब तो आप पहचानी ही गए होंगे, हम किस की बात कर रहे हैं, यह खिलाड़ी है पार्थिव पटेल (Parthiv Patel)।
लेकिन स्टंप्स के पीछे गड़बड़ियों के चलते खिंचाई भी हुई. एक समय अपने से दुगुनी उम्र के ऑस्ट्रेलियाई कप्तान को उन्हीं के घर में स्लेज कर दिया. खराब कीपिंग के चलते जल्दी ही यह खिलाड़ी टीम से बाहर हो गया. ऐसे में
पार्थिव पटेल ने घरेलू क्रिकेट में मेहनत की और अपनी टीम को रणजी ट्रॉफी में ताकतवर बनाया, घरेलू क्रिकेट में लगातार कमाल करने के चलते आठ साल बाद 2016 में फिर से टीम इंडिया का बुलावा आया, कुछ प्रभावशाली पारियां खेलीं, लेकिन ढलती उम्र के चलते ज्यादा तवज्जो नहीं मिली. ऐसे में दिसंबर 2020 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया, कुछ ऐसा है पार्थिव पटेल का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैरियर।
पार्थिक पटेल का सफ़रनामा।
पार्थिक पटेल का जन्म 9 मार्च 1985 को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था, उनके पिता का नाम अजय भाई बिपिन चंद्र पटेल हैं।
पार्थिव ने साल 2008 में बचपन की दोस्त अवनि जावेरी से शादी की थी, पार्थिव एक बार अवनी को लॉन्ग ड्राइव पर लेकर गए, जहां बीच रोड़ पर ही उन्होंने फूलों के साथ उन्हें प्रपोज किया था, इस कपल की एक बेटी है, जिसका नाम वेनिका है, पार्थिव अपनी बेटी को खुद के लिए काफी लकी मानते हैं।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत की तरफ से सबसे कम उम्र में टेस्ट में डेब्यू करने का रिकॉर्ड पार्थिव के नाम है, उन्होंने 17 साल 152 दिन की उम्र में इंग्लैंड के खिलाफ नॉटिंघम में अपने टेस्ट करियर का आगाज किया।
एमएस धोनी (MS Dhoni) के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आने के के बाद उन्हें भारतीय टीम में नियमित मौके नहीं मिले, इस दौरान वह टीम से अंदर बाहर होते रहे, पार्थिव पटेल को विकेटकीपिंग के अलावा उनकी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है।
पार्थिव ने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच 8 मार्च 2002 को इंग्लैंड के खिलाफ खेला था, 5 फुट 4 इंच के कद के पार्थिव अपने दोस्तों के बीच ‘बच्चा’ नाम से फेमस हैं, बहुत ही कम लोग जानते हैं कि विकेटकीपर पार्थिव ने प्रथम श्रेणी मैच में गेंदबाजी भी की है, इस दौरान उन्होंने 91 गेंदों में 4.21 की इकॉनमी के साथ 64 रन दिए थे, हालांकि उन्हें कोई सफलता नहीं मिली।
छह साल बाद वनडे में वापसी
टेस्ट की तरह की वनडे में भी पार्थिव पटेल (Parthiv Patel) को जल्दी मौका मिल गया, 2003 में न्यूजीलैंड के खिलाफ उनका डेब्यू हुआ, लेकिन पहले 15 वनडे में वे एक भी अर्धशतक नहीं बना सके और बाहर हो गए, 2004 में वे टीम से बाहर हुए और छह साल बाद 2010 में वापस आए।
यह वापसी थोड़ी कामयाब रही, पार्थिव ने 10 पारियों में चार फिफ्टी लगाई, लेकिन यह मौके उन्हें धोनी के आराम वाले मैचों में ही मिले, ऐसे में जब धोनी फिर से टीम इंडिया में आए तो पार्थिव बाहर हो गए, इस फॉर्मेट में उन्होंने 38 मैच खेले और 736 रन बनाए।
पार्थिव का करियर
टेस्ट- 25 मैच, 934 रन, 6 अर्धशतक
वनडे- 38 मैच, 736 रन, 4 अर्धशतक
टी20- 2 मैच, 36 रन
IPL- 139 मैच, 2848 रन